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नोटबंदी से तेल, बेसन और आटे की कीमतों में आया उछाल






नोटबंदी की मार अब आपके किचन पर भी पड़ सकती है. दरअसल 500 और 1000 के नोटों का चलन बंद होने की घोषणा के बाद खाद्य पदार्थों के दामों में अचानक तेजी से उछाल आया है. पिछले 15 दिनों में गेंहू के आटे, तेल और बेसन के दामों में बढ़ोतरी होने से आम आदमी का बजट बिगड़ गया है.
कैश की दिक्कत से छुटकारा अभी मिला ही नहीं था कि लोगों के सामने खाने-पीने के चीजों के दाम में आई तेजी ने मुश्किलें बढ़ादी. हालात ये हैं कि एक तो महीने भर का राशन खरीदने के लिए लोगों के पास नई करंसी नहीं हैं और जो थोड़ा बहुत कैश एटीएम की लंबी कतारों और बैंक में लगने के बाद लोगों को मिल भी रहा है, वो खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों की भेंट चढ़ रहा है.




खुदरा बाजार के व्यापारियों के मुताबिक आटें, तेल और चने की कीमतों में तेजी से उछाल आया है. गेंहू के आटे के दाम में प्रति किलो 5 से 6 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. तो वहीं चने का दाम भी अचानक दोगुना हो गया, जिसकी वजह से चना दाल और बेसन के दामों में भी तेजी आई है. पिछले महीने 60-70 रुपये प्रति किलो मिलने वाला बेसन नोटबंदी के बाद 140 रुपये किलो बिक रहा है.
रिफाइंड और सरसों तेल के दामों में 5 से 10 रुपये प्रति किलो उछाल देखने को मिल रहा है. मैदा भी नोटबंदी के बाद महंगे खाद्य पदार्थों की सूची शामिल हो गया है. खुदरा व्यापारियों की मानें तो नोटबंदी के बाद लोग महीने भर का राशन लेने के बजाए छोटी-छोटी जरूरी चीजें ही खरीद रहे हैं. इससे व्यापारियों का भी कामकाज ठप्प है. वहीं लोग कैश की किल्लत के बीच खाने-पीने की चीजें महंगी होने से परेशान हैं.




दरअसल नोटबंदी के बाद एक तरफ ट्रांसपोर्ट्स का कारोबार ठप्प है तो वहीं जमाखोरी भी बढ़ गई हैं. ऐसे में जिस तेजी से खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़े हैं. उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि आने वाले दिनों में महंगाई आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ सकती है.

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